डिजिटलाइजेशन करना


सम्पूर्ण पुस्तकालय को डिजिटलाइजेशन करने और ऑन लाइन सेवा देने के लिये हमने एक विस्तृत प्रोजेक्ट तैयार कर भारत सरकार के संस्कृति विभाग को प्रस्तुत किया है ।
पुस्तकालय में ब्राडबेण्ड इन्टरनेट और ई-मेल सुविधा के लिये संस्थान में ब्राडबेण्ड कनेक्शन भी ले रखा है । यह सुविधा शीघ्र ही शोध छात्रों को भी उपलब्ध होगी ।

आधुनिकीकरण


एक डेस्कटॉप कम्प्यूटर क्रय किया गया, जिससे कि संग्रहीत पुस्तकों की परिग्रहण संख्या दर्ज की जा सके और उनको कम्प्यूटरीकृत किया जा सके । सम्पूर्ण संग्रह को कम्प्यूटरीकृत करने के लिये एक प्रोजेक्ट तैयार किया गया है जिसमें पाँच कम्प्यूटर, पाँच स्केनर, पाँच प्रिन्टर, एक लेजर प्रिन्टर और एक प्रोजेक्टर क्रय करने का प्रावधान है । ।

प्रकाशन


पुस्तकें

संस्थान द्वारा निम्न लिखित पुस्तकें निकट भविष्य में प्रकाशित की जावेंगी


      मालवा के राठौड़ों का इतिहास (हिन्दी और अंग्रेजी)


      सीतामऊ राज्य का इतिहास (अंग्रेजी)


      चित्तौड़-उदयपुर का पाटनामा भाग 3 और 4 (राजस्थानी)


जर्नल और प्रोसिडिंग्स

       वार्षिक शोध पत्रिका ‘शोध साधना’ अंक 22


       म.प्र. और पड़ोसी राज्यों के अल्पज्ञात और अज्ञात ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व के स्मारक’ का प्रोसिडिंग्स

पुस्तकालय सामग्री का परिरक्षण


संस्थान के संग्रह में हजारों हस्तलिखित ग्रंथ, दुर्लभ पुस्तकें और अभिलेखों का संग्रह है । अनेक महत्त्वपूर्ण पाण्डुलिपियों, अभिलेखों तथा दुर्लभ पुस्तकों की फोटो कापी का कार्य किया गया, साथ ही अभिलेखों के संरक्षण के लिये उनका लेमीनेशन भी कराया गया । पाण्डुलिपियों और अभिलेखों के संरक्षण, सुरक्षा के लिये एक विस्तृत प्रोजेक्ट भी तैयार किया है जिसे संस्कृति विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली को प्रस्तुत किया गया है ।